आधुनिक जीवन-मंत्र

आधुनिक जीवन-मंत्र 


50 वर्ष से अधिक उम्र वाले इस पोस्ट को सावधानी पूर्वक पढें, क्योंकि यह उनके आने वाले जीवन के लिए अत्यंत ही महत्वपूर्ण है : अब वो ज़माना नहीं रहा की पिछले जन्म का कर्जा अगले जन्म में चुकाना है आधुनिक युग में सब कुछ हाथों हाथ हैं l 
** सु:खमय वृद्धावस्था **
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1:- अपने स्वंय के स्थायी आवास पर रहें ताकि स्वतंत्र जीवन जीने का 
           आनंद ले सकें !
2 :- अपना बैंक बैलेंस और भौतिक संपति अपने पास रखें, अति प्रेम में 
           पड़कर किसी के नाम करने की ना सोंचे !
3 :- अपने बच्चों के इस वादे पर निर्भर ना रहें कि वो वृद्धावस्था में 
      आपकी सेवा करेंगे, क्योंकि समय बदलने के साथ उनकी प्राथमिकता 
      भी बदल जाती है और कभी-कभी न चाहते हुए भी वे कुछ नहीं कर 
      पाते हैं ! 
4 :- उन लोगों को अपने मित्र  समूह में शामिल करें जो आपके 
       जीवन को प्रसन्न देखना चाहते हों, यानी सच्चे हितैषी हों ! .. 
5 :- किसी के साथ अपनी तुलना ना करें और ना ही किसी से कोई 
       उम्मीद रखें ! 
6 :- अपनी संतानों के जीवन में दखल अन्दाजी ना करे , उन्हें अपने 
      तरीके से अपना जीवन जीने दें और आप  अपने तरीके से जीवन 
      व्यतीत करें ! 
7 :- आप अपनी वृद्धावस्था  का आधार बनाकर किसी से सेवा 
      करवाने तथा सम्मान पाने का प्रयास कभी ना करें ! 
8 :- लोगों की  बातें सुनें लेकिन अपने स्वतंत्र 
      विचारों के आधार पर निर्णय लें !
9 :- प्रार्थना करें लेकिन भीख ना मांगें, यहाँ तक कि भगवान से भी 
      नहीं, अगर भगवान से कुछ मांगे तो सिर्फ माफी एंव हिम्मत !
10 :- अपने स्वास्थ्य  का स्वंय ध्यान रखें चिकित्सीय परीक्षण के 
        अलावा अपने आर्थिक सामर्थ्य अनुसार अच्छा पौष्टीक भोजन खाएं 
        और यथा सम्भव अपना काम अपने हाथों से करें ! छोटे कष्टों पर 
        ध्यान ना दें, उम्र के साथ छोटी-मोटी शारीरीक परेशानियां 
        चलती रहतीं हैं !
11 :- अपने जीवन को उल्हास पूर्वक जीने का प्रयत्न करें, 
         खुद प्रसन्न  रहें तथा दूसरों को भी प्रसन्न रखें ! 
12 :- प्रति वर्ष भ्रमण / छोटी - छोटी यात्रा पर एक या अधिक बार अवश्य 
        जाएं, इससे आपके जीने का नज़रिया भी बदलेगा ! 
13 :- किसी भी तरह के टकराव  को टालें एंव तनाव रहित जीवन 
         को जिएं ! 
14 :- जीवन में स्थायी कुछ भी नहीं रहता , चिंताएं भी नहीं, 
         इस बात का विश्वास करें ! 
15 :- अपने सामाजिक दायित्वों, जिम्मेदारियों को अपने रिटायरमेंट तक                                                                 पूरा कर लें, याद रखें .. !! जब तक आप अपने 
         लिए जीना शुरू नहीं करते हैं तब तक आप जीवित नहीं हैं .. !! 

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